GETTING MY HANUMAN CHALISA TO WORK

Getting My hanuman chalisa To Work

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बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन–कुमार ।

In One more Hindu Edition of his childhood legend, which is probably going older as well as located in Jain texts such as the 8th-century Dhurtakhyana, Hanuman's leap on the sun proves to generally be deadly and He's burnt to ashes from the Solar's heat. His ashes slide onto the earth and oceans.[51] Gods then Collect the ashes and his bones from land and, with the help of fishes, re-assemble him.

US president Barack Obama experienced a practice of carrying with him a few modest items supplied to him by individuals he had fulfilled. The products incorporated a small figurine of Hanuman.[151][152]

व्याख्या – श्री हनुमान जी को उनकी स्तुति में श्री लक्ष्मण–प्राणदाता भी कहा गया है। श्री सुषेण वैद्य के परामर्श के अनुसार आप द्रोणाचल पर्वत पर गये, अनेक व्यवधानों एवं कष्टों के बाद भी समय के भीतर ही संजीवनी बूटी लाकर श्री लक्ष्मण जी के प्राणों की रक्षा की। विशेष स्नेह और प्रसन्नता के कारण ही किसी को हृदय से लगाया जाता है। अंश की पूर्ण परिणति अंशी से मिलने पर ही होती है, जिसे श्री हनुमन्तलाल जी ने चरितार्थ किया।

PavanatanayaPavanatanayaSon of wind god, Lord Hanuman sankataSankataTrouble / sorrow haranaHaranaRemover / banish mangalaMangalaAuspicious / blessing / joy mūrati MūratiStatue / embodiment rūpaRūpaForm

व्याख्या – श्री हनुमान जी महाराज को समस्त सिद्धियाँ प्राप्त हैं तथा उनके हृदय में प्रभु विराजमान हैं, इसलिये समस्त शक्तियाँ भी आपके साथ रहेंगी ही। इसमें कोई आश्चर्य की more info बात नहीं है।

व्याख्या– ‘पिताँ दीन्ह मोहि कानन राजू‘ के अनुसार श्री रामचन्द्र जी वन के राजा हैं और मुनिवेश में हैं। वन में श्री हनुमान जी ही राम के निकटतम अनुचर हैं। इस कारण समस्त कार्यों को सुन्दर ढंग से सम्पादन करने का श्रेय उन्हीं को है।

श्री गुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि ।

O partial incarnation of Lord shiva, giver of joy to King Kesari. Your good majesty is revered by The complete globe.

The Peshwa period rulers in 18th century city of Pune offered endowments to a lot more Hanuman temples than to temples of other deities for example Shiva, Ganesh or Vitthal. Even in current time you will discover far more Hanuman temples in the city and also the district than of other deities.[118]

व्याख्या– राजपद पर सुकण्ठ की ही स्थिति है और उसका ही कण्ठ सुकण्ठ है जिसके कण्ठपर सदैव श्री राम–नाम का वास हो। यह कार्य श्री हनुमान जी की कृपा से ही सम्भव है।

यहाँ सर्वसुख का तात्पर्य आत्यन्तिक सुख से है जो श्री मारुतनन्दन के द्वारा ही मिल सकता है।

व्याख्या – भजन का मुख्य तात्पर्य यहाँ सेवा से है। सेवा दो प्रकार की होती है, पहली सकाम, दूसरी निष्काम। प्रभु को प्राप्त करने के लिये निष्काम और निःस्वार्थ सेवा की आवश्यकता है जैसा कि श्री हनुमान जी करते चले आ रहे हैं। अतः श्री राम की हनुमान जी जैसी सेवा से यहाँ संकेत है।

He whoever recites this hundred moments, his chains of Bondage will likely be cut, Terrific joy will be his.

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